शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
Whosoever presents incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with adore and devotion, enjoys material pleasure and spiritual bliss With this planet and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the struggling of shiv chalisa in hindi all and grants them Everlasting bliss.
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी shiv chalisa in hindi ॥ ॐ जय शिव…॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।